Saturday, 19 March 2016
ब्रह्मांड की उत्पत्ती कैसे हुई?-How did the universe originated ? In Hindi
सृष्टि से पहले सत नहीं था, असत भी नहीं अंतरिक्ष भी नहीं, आकाश भी नहीं
था छिपा था क्या कहाँ, किसने देखा था उस पल तो अगम, अटल जल भी कहाँ था
ऋग्वेद(१०:१२९) से सृष्टि सृजन की यह श्रुती लगभग पांच हजार वर्ष पुरानी यह
श्रुति आज भीउतनी ही प्रासंगिक है जितनी इसे रचित करते समय थी। सृष्टि की
उत्पत्ति आज भी एक रहस्य है। सृष्टि के पहले क्या था ? इसकी रचना किसने, कब
और क्यों की ? ऐसा क्या हुआ जिससे इससृष्टि का निर्माण हुआ ?

अनेकों अनसुलझे प्रश्न है जिनका एक निश्चितउत्तर किसी के पास नहीं है।
हाकिंग्स का कहना है कि सृष्टि के निर्माण में भगवान की कोई भूमिका नहीं है. मेरा यह लेख विज्ञान के प्रकाश में सृष्टि के निर्माण को समझने का एक प्रयास है. विज्ञान भगवान की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं समझता है. सृष्टि का निर्माण प्रकृति और विज्ञान के नियमों के अनुसार एक प्रक्रिया के तहत होता है. अगर ईश्वर है तो भी उसका आकार प्रकार हमारी कल्पना के अनुसार मानव जैसा नहीं हो सकता. वह हर प्रकार की कल्पना के परे है. जैसा हमारे यहाँ कहा गया है ईश्वर अनादि और अनंत है. उसकी न तो कोई शुरुआत है और न अंत. मुझे स्टीफन हाकिंग्स की बात तर्क संगत लगती है कि सृष्टि का निर्माण स्वत : एक प्रक्रिया के अंतर्गत होता है. हमारे यहाँ भी तो शिव को‘ स्वयंभुव ‘ ( या शंभु ) कहा गया है. स्वयंभुव का मतलब है जो स्वयं उत्पन्न होता है. सृष्टि का निर्माण, भगवान् की उपस्थिति / अनुपस्थिति का रहस्योद्घाटन अभी संभव नहीं है. अगर चार महान वैज्ञानिकों स्टीफन हाकिंग्स, अलबर्ट आइन्स्टीन, इलिया प्रिगोगीन ( Ilya Prigogine ) और चार्ल्स डार्विन के सद्धांतों पर विचार किया जाय तो एक रास्ता नज़र आता है. विज्ञान का रास्ता उचित, पाखण्ड और अंधविश्वास रहित और तर्कसंगत लगता है. आइन्स्टाइन के अनुसार किसी पदार्थ की मात्रा या मास ( Mass ) E = mc2 के अनुसार उर्जा में परिवर्तित होती है. लेकिन उर्जा पदार्थ में परिवर्तित होता है या नहीं यह एक रहस्य बना हुआ है. इस प्रश्न का उत्तर शायद स्टीफन हाकिंग्स के ‘ ब्लैक होल ‘ सिद्धांत में छिपा हुआ है. इस सिद्धांत के अनुसार ‘ ब्लैक होल ‘ उर्जा का सबसे सघन स्वरुप है. इसके बीच से सूर्य की किरण भी नहीं गुजर सकती. इसमें अपार गुरुत्वाकर्षण शक्ति होती है. यह किसी भी चीज़ को यहाँ तक की सूर्य की किरण को भी खींचकर अपने में समाहित कर लेता है. फिर एक ‘ क्रिटिकल स्टेज ‘ पहुंचने पर ‘ ब्लैक होल ‘ ‘ बिग बैंग ‘ से विस्फोट करता है. इस विस्फोट से‘ ब्लैक होल ‘ की उर्जा पदार्थ ( Matter ) बनकर बिखर जाती है शायद इस प्रकार उर्जा से पदार्थ का निर्माण होता है. इस प्रकार ब्रम्हांड में ब्लैक होल का निर्माण और विस्फोट लगातार होता रहता है. इस विस्फोट सेअनंत गैलेक्सियों का निर्माण होता है.
हर गैलेक्सी का अपना एक सूर्य होता है. कुछ सूर्य से छिटके हुए और कुछ बिग बैंग के दौरान निर्मित पदार्थ के टुकडे गुरुत्वाकर्षण बल के कारण केन्द्रीय सूर्य के चारों और अपनी कक्षा में चक्कर लगाते हैं. ये टुकडे ( Fragments ) अरबों-खरबों वर्ष में ठंढा होने पर ‘ गैलेक्सी ‘ और ग्रहोंका रूप ले लेते हैं. ब्रम्हांड में गैलेक्सियों का निर्माण और उनका ‘ ब्लैक होल‘ में परिवर्तन, सतत चलने वाली प्रक्रिया है. हाकिंग्स के अनुसार हमारी गैलेक्सी जिसे ‘ मिल्की वे ‘ ( Milky Way ) कहा जाता है, का निर्माण 3 मिनट में हुआ था ब्रह्मांड की उत्पत्ती के बारे में साइंस कई थ्योरीज़ पेश करती है। जिनमें सबसे भरोसेमन्द बिग बैंग थ्योरी मानी जाती है। इसके अनुसार यूनिवर्स एक महाधमाके (बिग बैंग) से पैदा हुआ और उस वक्त से मौजूदा जमाने तक यह लगातार फैल रहा है। यहधमाका कितने वक्त पहले हुआ इस बारे में वैज्ञानिकों में अलग अलग राय है। कुछ के अनुसार यूनिवर्स की कुल उम्र 14 बिलियन वर्षहै तो कुछ के अनुसार 20 बिलियन वर्ष। शुरूआती यूनिवर्स बहुत ही सघन (Dense) और छोटे गोले के रूप में था। और अत्यन्त गर्म था। फिर एक महाधमाके (बिग बैंग) के साथ टाइम और स्पेस का जन्म हुआ। उस समय से आज तक यह लगातार फैल रहा है। बिग बैंग के वक्त से ही भौतिकी के नियमों ने अपना काम करना शुरू किया।
अनेकों अनसुलझे प्रश्न है जिनका एक निश्चितउत्तर किसी के पास नहीं है।
हाकिंग्स का कहना है कि सृष्टि के निर्माण में भगवान की कोई भूमिका नहीं है. मेरा यह लेख विज्ञान के प्रकाश में सृष्टि के निर्माण को समझने का एक प्रयास है. विज्ञान भगवान की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं समझता है. सृष्टि का निर्माण प्रकृति और विज्ञान के नियमों के अनुसार एक प्रक्रिया के तहत होता है. अगर ईश्वर है तो भी उसका आकार प्रकार हमारी कल्पना के अनुसार मानव जैसा नहीं हो सकता. वह हर प्रकार की कल्पना के परे है. जैसा हमारे यहाँ कहा गया है ईश्वर अनादि और अनंत है. उसकी न तो कोई शुरुआत है और न अंत. मुझे स्टीफन हाकिंग्स की बात तर्क संगत लगती है कि सृष्टि का निर्माण स्वत : एक प्रक्रिया के अंतर्गत होता है. हमारे यहाँ भी तो शिव को‘ स्वयंभुव ‘ ( या शंभु ) कहा गया है. स्वयंभुव का मतलब है जो स्वयं उत्पन्न होता है. सृष्टि का निर्माण, भगवान् की उपस्थिति / अनुपस्थिति का रहस्योद्घाटन अभी संभव नहीं है. अगर चार महान वैज्ञानिकों स्टीफन हाकिंग्स, अलबर्ट आइन्स्टीन, इलिया प्रिगोगीन ( Ilya Prigogine ) और चार्ल्स डार्विन के सद्धांतों पर विचार किया जाय तो एक रास्ता नज़र आता है. विज्ञान का रास्ता उचित, पाखण्ड और अंधविश्वास रहित और तर्कसंगत लगता है. आइन्स्टाइन के अनुसार किसी पदार्थ की मात्रा या मास ( Mass ) E = mc2 के अनुसार उर्जा में परिवर्तित होती है. लेकिन उर्जा पदार्थ में परिवर्तित होता है या नहीं यह एक रहस्य बना हुआ है. इस प्रश्न का उत्तर शायद स्टीफन हाकिंग्स के ‘ ब्लैक होल ‘ सिद्धांत में छिपा हुआ है. इस सिद्धांत के अनुसार ‘ ब्लैक होल ‘ उर्जा का सबसे सघन स्वरुप है. इसके बीच से सूर्य की किरण भी नहीं गुजर सकती. इसमें अपार गुरुत्वाकर्षण शक्ति होती है. यह किसी भी चीज़ को यहाँ तक की सूर्य की किरण को भी खींचकर अपने में समाहित कर लेता है. फिर एक ‘ क्रिटिकल स्टेज ‘ पहुंचने पर ‘ ब्लैक होल ‘ ‘ बिग बैंग ‘ से विस्फोट करता है. इस विस्फोट से‘ ब्लैक होल ‘ की उर्जा पदार्थ ( Matter ) बनकर बिखर जाती है शायद इस प्रकार उर्जा से पदार्थ का निर्माण होता है. इस प्रकार ब्रम्हांड में ब्लैक होल का निर्माण और विस्फोट लगातार होता रहता है. इस विस्फोट सेअनंत गैलेक्सियों का निर्माण होता है.
हर गैलेक्सी का अपना एक सूर्य होता है. कुछ सूर्य से छिटके हुए और कुछ बिग बैंग के दौरान निर्मित पदार्थ के टुकडे गुरुत्वाकर्षण बल के कारण केन्द्रीय सूर्य के चारों और अपनी कक्षा में चक्कर लगाते हैं. ये टुकडे ( Fragments ) अरबों-खरबों वर्ष में ठंढा होने पर ‘ गैलेक्सी ‘ और ग्रहोंका रूप ले लेते हैं. ब्रम्हांड में गैलेक्सियों का निर्माण और उनका ‘ ब्लैक होल‘ में परिवर्तन, सतत चलने वाली प्रक्रिया है. हाकिंग्स के अनुसार हमारी गैलेक्सी जिसे ‘ मिल्की वे ‘ ( Milky Way ) कहा जाता है, का निर्माण 3 मिनट में हुआ था ब्रह्मांड की उत्पत्ती के बारे में साइंस कई थ्योरीज़ पेश करती है। जिनमें सबसे भरोसेमन्द बिग बैंग थ्योरी मानी जाती है। इसके अनुसार यूनिवर्स एक महाधमाके (बिग बैंग) से पैदा हुआ और उस वक्त से मौजूदा जमाने तक यह लगातार फैल रहा है। यहधमाका कितने वक्त पहले हुआ इस बारे में वैज्ञानिकों में अलग अलग राय है। कुछ के अनुसार यूनिवर्स की कुल उम्र 14 बिलियन वर्षहै तो कुछ के अनुसार 20 बिलियन वर्ष। शुरूआती यूनिवर्स बहुत ही सघन (Dense) और छोटे गोले के रूप में था। और अत्यन्त गर्म था। फिर एक महाधमाके (बिग बैंग) के साथ टाइम और स्पेस का जन्म हुआ। उस समय से आज तक यह लगातार फैल रहा है। बिग बैंग के वक्त से ही भौतिकी के नियमों ने अपना काम करना शुरू किया।
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