Saturday, 19 March 2016
एके 47 की कहानी – AK-47 Full story in Hindi
मॉस्को। दुनिया की आधुनिकतम रायफलों में शामिल एके 47 के डिजाइनर मिखाइल कालाशनिकोव का सोमवार को निधन हो गया। उनका निधन उदमुर्तिया गणराज्य की राजधानी इझेवस्क के एक अस्पताल में हुआ। उनके निधन का कारण नहीं बताया गया है। उन्हें पिछले महीने अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 94 साल के थे।
कालाशनिकोव ने बहुत सारे हथियारों को डिजाइन किया था लेकिन उनकी डिजाइन की गई राइफल एके 47 कालाशनिकोव राइफलों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कई बार सामूहिक हत्याओं और उग्रवादी कार्यों के लिए किया गया और इस बात को लेकर खुद मिखाइल भी दुखी होते थे, लेकिन सोवियत संघ में उन्हें नेशनल हीरो का दर्जा हासिल था और इसके लिए उन्हें मॉस्को में उन्हें खासा सम्मान मिला था।
वह अक्सर कहा करते थे कि उन्हें निजी तौर पर इसका दुख होता है कि उन्होंने रक्तपात में योगदान दिया है। उन्होंने 2007 में कहा था, ‘मुझे अच्छी नींद आती है। यह नेता हैं जो विवादों को लेकर समझौता करने में नाकाम रहते हैं और हिंसा का दौर चलता रहा है।’
दूसरी बंदूकों के मुकाबले बेहद साधारण होने की वजह से इसे बनाना काफ़ी आसान था और इसकी देखरेख भी आसान थी। हालांकि कालाशनिकोव को रूसी सरकार से सम्मान मिला था लेकिन उन्होंने इस हथियार से बहुत कम ही पैसा कमाया। एक बार उन्होंने कहा था कि उन्होंने घास काटने वाली कोई मशीन डिज़ाइन की होती तो उनके पास ज़्यादा पैसे होते।
विश्व की सबसे प्रसिद्ध ऑटोमैटिक राइफल एके 47 का इस्तेमाल आज दुनिया के सौ से ज्यादा देशों की सेनाएं करती हैं। वह ईझमाश नामक आयुध कारखाने के मुख्य डिजाइनर थे और यहां काम करते हुए उन्होंने कई हथियारों को डिजाइन किया था।
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