Saturday, 19 March 2016
ब्रेन मैपिंग टेस्ट – Brain mapping tests in Hindi
ब्रेन मैपिंग टेस्ट एक प्रकार का सत्य परीक्षण होता है। इसका प्रयोग आपराधिक मामलों की जांच हेतु किया जाता है। ब्रेन-मैपिंग में मस्तिष्क में उठने वाली विभिन्न आवृत्तियों की तरंगों का अध्ययन किया जाता है। परीक्षण में अपराध शाखा के विशेषज्ञ तंत्रिका विज्ञान की विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। अपराध के दृश्यों को पहचानने वाले संदिग्ध के मस्तिष्क की तरंगों में जो परिवर्तन देखे जाते हैं वे निर्दोष व्यक्ति के मस्तिष्क की तरंगों से अलग होते हैं। इस टेस्ट में याददाश्त से संबंधित पी-३०० तरंगों को टेप कर उनका विश्लेषण किया जाता है। इस ब्रेन फिंगर प्रिंटिंग में कोई ड्रग नहीं दी जाती।
ब्रेन-मैपिंग में व्यक्ति के सिर से सेंसर्स को जोड़ दिया जाता है और उसे एक कंप्यूटर के सामने बिठा दिया जाता है। इसके बाद संदिग्ध को अपराध से जुड़ी तस्वीरें दिखाई जाती हैं या उससे जुड़ी ध्वनियां सुनाई जाती हैं। सिर से जुड़े सेंसर तस्वीरों को देखते समय या ध्वनियां सुनते समय मस्तिष्क में उठने वाली तरंगों को दर्ज कर लेते हैं।
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