Tuesday, 22 March 2016
नासा रोबोट-Nasa Robot In Hindi
नासा ने एक ऐसा सुपरहीरो रोबोट बनाया है, नासा रोबोट जो देखने में ऑयरन मैन मूवी के हीरो की तरह लगता है। इस रोबोट का नाम वालकेरी रखा गया है। वालकेरी रोबोट में कई फीचर दिए गए हैं जैसे ये चल सकता है साथ ही इसके सीने में, पैरो में और घूटनों में कई कैमरे भी लगे हुए हैं।
रोबोट के दोनों हाथों में 3 उंगलियां दी गई है जो घूम सकती हैं। आईए देखते है नासा के रोबोट का वीडियो।
नासा द्वारा बनाया गया रोबोट क्या-क्या कर सकता
वालकेरी नाम के इस रोबोट का नाम फीमेल के नाम पर रखा गया है जबकि आधिकारिक तौर पर ये जेंडरलेस ह्यूमनॉयड है शॉट में वाल का मतलब रोबोटिक्स होता है।
नासा द्वारा बनाए गए इस रोबोट के हाथ पैर काफी लचीले हैं जिससे ये कई काम कर सकता है।
नासा ने नया रोबोट DARPA Robotics Challenge को टक्कर देने के लिए किया है।
दूसरे रोबोनॉट की तरह नासा ने ये रोबोट अंतरिक्ष के लिए नहीं बनाया है।
एलजी स्मार्टफोन फैक्ट्री कोरिया में-LG Smartphone Factory In Koria In Hindi
एलजी इलेक्ट्रॉनिक कंज्यूमर बाजार की पॉपुलर कंपनी है जो स्मार्टफोन भी बनाती है। भारतीय बाजार में एलजी के कई स्मार्टफोन मॉडल एलजी ऑप्टिमस एल 7 II P715, एलजी ई 612, एलजी ऑप्टिमस हब E510 उपलब्ध हैं, क्या आप जानते हैं एलजी का हेड ऑफिस साउथ कोरिया के सियोल में है। मोबाइल फोन के अलावा एलजी होम इंटरटेनमेंट, मोबाइल कम्यूनिकेशन, एयर कंडीशनर, एनर्जी सॉल्यूशन प्रोडेक्ट भी बनाती है साथ ही ये दुनियां की दूसरी सबसे बड़ी टीवी मैन्यूफैक्चर करने वाली कंपनी है।
एलजी ने कुछ समय पहले ऑप्टिमस सीरीज स्मार्टफोन लांच करने शुरु किए थे जो दूसरी सीरीज के मुकाबले बाजार में काफी पसंद की गई थी। क्या आप जानते हैंएलजी ऑप्टिमस सीरीज के स्मार्टफोन साउथ कोरिया के पाइयॉन्गटेक शहर में बनी एलजी की फैक्ट्री में बनते हैं।
इस फैक्ट्री के अंदर का नजारा अगर आप देखेंगे तो दंग रह जाएंगे क्योंकि फैक्ट्री के अंदर जाने के लिए आपको अपने जूते बाहर ही उतारने पड़ेंगे। इसके बाद आपको एक बंद एयर बॉक्स में जाकर खड़े होना होगा जहां पर प्रेशर से सारी धूल हटाई जाएगी। तब कहीं जाकर आप फैक्ट्री के अंदर काम कर सकते हैं।
एलजी स्मार्टफोन फैक्ट्री
ये है साउथ कोरिया के सियोल में बनी एलजी स्मार्टफोन फैक्ट्रीका मुख्य द्वार है। एलजी स्मार्टफोन फैक्ट्री के अंदर लगी डिस्प्ले जिसमें रोज बनने वाले फोनों की डीटेल वहां पर काम करने वाले लोग देख सकते हैं। ये है फैक्ट्री के अंदर लगा एलजी चैंपियन फ्लैग जिससे वहां पर काम करने वाले लोगों को इस बात का गर्व होता है कि वे एलजी में काम कर रहे हैं।
फोन सॉफ्टवेयर को टेस्ट करती वहां पर काम करने वाली एक कर्मचारी.
चांद पर चीन ने छोड़े कामयाबी के निशान – China’s success marks left on the moon in Hindi
चीन के पहले मून मिशन से जुड़ा रोवर रविवार को लैंडर से सफलतापूर्वक अलग हो गया और इस तरह चंद्रमा की सतह पर गहरा निशान छोड़ दिया। सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है कि चीन का पहला मून रोवर ‘यूतू’ या ‘जेड रैबिट’ रविवार सुबह लैंडर से अलग हो गया। छह पहियों वाला रोवर स्थानीय समयानुसार 4:35 बजे चंद्रमा की सतह को छू गया। इस पूरी प्रक्रिया को लैंडर पर लगे कैमरे के जरिए रिकॉर्ड किया गया। अलग होने के बाद रोवर और लैंडर पर लगे कैमरों ने एक दूसरे की तस्वीरें लीं और साइंटिफिक खोज शुरू कर दी।
इस रोवर को करीब दो सप्ताह पहले लॉन्ग मार्च-3बी कैरियर रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था। इस लैंडिंग के साथ ही चीन अमेरिका और पूर्व सोवियत रूस के बाद दुनिया का तीसरा ऐसा देश बन गया है जिसने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की है। सॉफ्ट लैंडिंग का मतलब होता है जिस लैंडिंग में स्पेसक्राफ्ट और इसके उपकरणों को कोई नुकसान नहीं होता और वे सतह पर सही सलामत उतारे जाते हैं। इस प्रोब की सेफ लैंडिंग के लिए इसके चार पैरों में शॉक एब्जॉर्बर लगाए गए थे। इस तरह चांग’ई-3 जिसमें कि एक लैंडर और यूतू नाम का मून रोवर शामिल है, पैरों वाला पहला चाइनीज स्पेसक्राफ्ट बन गया। पेइचिंग एयरोस्पेस कंट्रोल सेंटर के मुताबिक, मून मिशन ने चांद के बे ऑफ रेनबोज पर स्थानीय समय के मुताबिक, 9 बजकर 11 मिनट पर लैंड किया था। चांग’ई-3 सही लैंडिंग पॉइंट पर उतरने और फ्री फॉल के लिए पूरी तरह ऑटो कंट्रोल पर भरोसा किया। रेंज और वेग की गिनती इसने खुद की थी।
इस प्रोब के लिए बनाए गए थ्रस्ट इंजन की डिजाइनिंग और निर्माण चीनी वैज्ञानिकों ने ही किया था। यह इंजन अलग-अलग फोर्स पावर को महसूस कर लेता है। अब यूतू का काम होगा कि चंद्रमा के भूवैज्ञानिक ढांचे का सर्वे करे, सतह पर मौजूद पदार्थों का सर्वे करे और वहां प्राकृतिक संसाधनों की मौजूदगी के बारे में पता लगाए। यह लैंडर मून पर एक साल तक काम करेगा जबकि रोवर तीन महीने तक ही रहेगा।
गौरतलब है कि चांग’ई-3 चीन के मून मिशन का दूसरा चरण है। इसमें ऑरबिटिंग, लैंडिंग और धरती पर वापसी शामिल है। इससे पहले चीन के चांग’ई-1 2007 में और चांग’ई-2 मिशन 2010 में कामयाब रहे थे। चांग’ई-3 ने पिछले दोनों मिशनों को कामयाबी के मामले में काफी पीछे छोड़ दिया है। आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में चांग’ई-3 से पहले चांद के लिए 129 मिशन भेजे गए मगर इनमें से आधे ही कामयाब रहे थे। इनमें भी मानवरहित सॉफ्ट लैंडिंग करने में अमेरिका और पूर्व सोवियत संघ को ही कामयाबी मिली थी।
पहला टेलीऑपरेशन स्पेस सेंटर : चीन ने रविवार को ही अपना पहला टेलीऑपरेशन अंतरिक्ष केंद्र खोला जहां से वह लूनर रोवर और लैंडर सुदूर अंतरिक्ष मिशन यानों की निगरानी कर सकेगा। इस केंद्र को पेइचिंग स्पेस कंट्रोल सेंटर ( बीएसीसी ) में बनाया गया है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास स्मार्टफोन – Special Smart phones, for the protection of women in Hindi
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय बाजार में एक खास वुमन सेफ्टी स्मार्टफोन उतारा गया है।
मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी आईबॉल ने स्मार्टफोन की दुनिया ने एक ऐसा स्मार्टफोन बाजार में उतारा गया है, जिसके जरिए महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता करने का दावा किया गया है।
कंपनी ने “एंडी उड़ान” नाम से एक डुअल सिम स्मार्टफोन लॉन्च किया है। कंपनी का दावा है कि यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया पहला स्मार्टफोन है। इसमें एसओएस, आईसीई और ट्रैकिंग सेफ्टी फीचर्स हैं।
किफायती कीमत, बड़ी स्क्रीन और ज्यादा बैटरी पॉवर
मल्टीपिल सेफ्टी फीचर्स के जरिए महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता होगी। इस फोन में एक खास बटन है, जिसे इमर्जेंसी के दौरान इस्तेमाल किया जा सकते है। इस बटन को दबाते ही चुनिंदा नंबरों पर अलर्ट जाएगा।
दूसरी ओर आईसीई एप्लिकेशन में महत्वपूर्ण डेटा सुरक्षित रहते हैं। इनमें यूजर की मेडिकल हिस्ट्री, इमरजेंसी नंबर और ब्लड ग्रुप शामिल हैं।
3,499 रुपए में 5 इंच डिस्प्ले का स्मार्टफोन
आईसीई का मतलब है “इन केस ऑफ इमरजेंसी”। यह आसान सा एप्लिकेशन है, जिसे कोई भी खोल सकता है। इस मोबाइल में एक और ऐप है, जिसे ट्रैकिंग का नाम दिया गया है।यह यूजर के किसी शहर में आने या जाने को ट्रैक करता है। यानी यूजर कब कहां से आया और गया, इसकी यह जानकारी मिलेगी।इसके अन्य फीचर्स पर नजर तो 5 इंच स्क्रीन, 1.3 गीगाहर्ट्ज डुअल कोर प्रोसेसर, 512 एमबी रैम और 4.2 जेलीबीन एंड्रॉयड ओएस जैसे फीचर्स दिए गए हैं।कंपनी ने इस स्मार्टफोन को लड़कियों के पसंदीदा रंग पिंक और व्हाइट में पेश किया है। इस वुमन सेफ्टी स्मार्टफोन एंडी उड़ान की कीमत 10,990 रुपए रखी गई है।
एक पैसे प्रति सेकेंड में कीजिए आईएसडी कॉल – ISD call on 1 Paisa per second in Hindi
अभी तक आप के पास एक पैसे प्रति सेकेंड की दर से लोकल या नेशनल कॉल कर सकने की सुविधा थी।
लेकिन अब एक पैसे प्रति सेकेंड की दर पर इंटरनेशनल कॉल भी की जा सकती है। इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप निंबज ने स्पेक्ट्रानेट के साथ मिलकर यह सेवा शुरू की है।
इस तरह भारत की पहली कानूनी रूप से वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) सर्विस में निंबज से विदेश में किसी भी तरह के फोन नंबर पर कॉल की जा सकेगी।
निंबज के सीईओ विकास सक्सेना ने बताया कि अमेरिका में रहने वाले किसी व्यक्ति को फिलहाल लैंडलाइन से कॉल करने का रेट 6.4 रुपए, कनाडा 10 और ब्रिटेन 14 रुपए प्रति मिनट है।
एचटीएमएल 5 – HTML 5 in Hindi
एचटीएमएल 5 वेब पेज बनाने के लिए हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज का नवीनतम संस्करण है. यह भी एक शुरुआत के लिए सीखने के लिए बहुत आसान है. एचटीएमएल 5 के बारे में ब्याज दिन ब दिन बढ़ती जा रही है और इस तकनीक अपनाने वेब पेशेवरों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है.
आप एक अच्छा एचटीएमएल 5 ट्यूटोरियल के लिए खोज और भी हिंदी में समझने के लिए आसान हो जाएगा और आप उन्हें तेजी से लागू कर सकते हैं जो कि कर रहे हैं? यदि हाँ तो खोज बंद करो, तो आप सही जगह में हैं. तो सीखना शुरू करते हैं और आपको शुभकामनाएँ.
विश्व का सबसे लंबा समुद्री पुल चीन में बनाया गया है. – World’s longest sea bridge opens in China in Hindi
चीन ने दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल खोल दिया है. यह डोवर और कैलाइस के बीच की दूरी पर फैला है.जियाओज़ौ खाड़ी पुल 26.4 मील लंबी है और अपतटीय द्वीप हुआंगदाओ क़िंगदाओ चीन के पूर्वी बंदरगाह शहर से जोड़ता है. यह पुल 110फ्ट व्यापक है और अपनी तरह का सबसे लंबे पुल है, जिसके सड़क के निर्माण के लिए लगभग £ 1बिलियन लागत आई थी. धुन्द्ले पानी के ऊपर का यह पुल: 5000 से अधिक स्तंभों द्वारा समर्थित है जो विशाल £ 1बिलियन संरचना अपतटीय द्वीप हुआंगदाओ क़िंगदाओ चीन के पूर्वी बंदरगाह शहर के साथ 24 मील की दूरी के लिए फैला हुआ है. इस पुल मैं पानी के नीचे सुरंग के साथ साथ यातायात के लिए खोला जाएगा, उस पर निर्माण मूल्यांकन अभी जारी है. यह खाड़ी के पार 5,000 से अधिक स्तंभों द्वारा समर्थित है जो पुल, निर्माण करने के लिए चार साल लग गए, यह पिछले रिकॉर्ड धारक से लगभग तीन मील की दूरी पर रह गया है लंबा:इस पुल की लंबाई इतनी बड़ी हैकि जहा तक आपकी नज़र जाइएगी उस से अगये इस की लंबाइए है पहले कुछ कारों सतह भर में बाहर रोल हो जाती है. ओपन रोड: वे अब अपनी तरह की किसी भी अन्य लोगों की तुलना में 110फिट चौड़ा है ड्राइवर्स को पुल पर पहले पास के कुछ कार नज़र आते है लेकिन जैसे जैसे आगे जा कर कुछ नज़र नही आता.
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